* आसपा के चौधरी अमर सिंह, बसपा के शमीम अहमद व इसफान मलिक धरना दिया
*भाजपा के अत्याचार और दबंगई को मन मस्तिष्क में बैठाना पड़ेगा तभी संविधान को बचा पायेंगे।
सरताज आलम
सिद्धार्थनगर।
व्यापक असर देखने को मिला, जहां हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बन्द का आह्वान आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने किया था, जिसके समर्थन में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता ने भाग लिया। इस बन्द का समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण को ख़त्म करने को लेकर सरकार के धोखे को लेकर अपनी आवाज बुलन्द किया, जिसमें दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की मांग, सामाजिक न्याय और सरकारी नीतियों के खिलाफ विरोध शामिल था। बसपा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने अपने नारों और बैनरों के माध्यम से सरकार की नीतियों के प्रति असन्तोष व्यक्त किया और जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान शहर के कई हिस्सों में यातायात प्रभावित हुआ और दुकानें बन्द रहीं। प्रदर्शनकारियों ने शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को प्रस्तुत किया। वहीं कुछ स्थानों पर पुलिस को भीड़ को नियन्त्रित करने के लिए तैनात करना पड़ा।
वहीं पूर्व विधायक/आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय सचिव चौधरी अमर सिंह ने कहा एससी/एसटी आरक्षण को खत्म करने की अफवाहों पर कड़ा बयान दिया। कहा कि भाजपा पार्टी (एलडीए) सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा आरक्षण समाप्त करने का कोई भी प्रयास संविधान और सामाजिक न्याय के सिद्धान्तों के खिलाफ होगा। चौधरी अमर सिंह ने कहा कि “एससी/एसटी आरक्षण हमारे देश के दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करता है। इसे खत्म करने का कोई भी प्रयास दलितों और पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय होगा। भाजपा सरकार यदि ऐसा कोई कदम उठाती है, तो हम इसके खिलाफ जोरदार आन्दोलन करेंगे और इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
बहुजन समाज पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शमीम अहमद ने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की हर कोशिश नाकाम होगी। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि सरकार इस दिशा में कोई भी कदम उठाती है, तो उसे देशभर में जोरदार विरोध का सामना करना पड़ेगा। आगे कहा कि "आरक्षण हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त एक मौलिक अधिकार है, जिसे किसी भी हालत में खत्म नहीं किया जा सकता। यह केवल दलित और पिछड़े वर्गों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि सरकार इसे समाप्त करने का प्रयास करती है, तो बहुजन समाज पार्टी और उसके समर्थक देशभर में सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेंगे।" शमीम अहमद का यह बयान बसपा के कट्टर समर्थकों के बीच काफी समर्थन पा रहा है और इसने आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम किया है।
वहीं डुमरियागंज के दिग्गज नेता इरफान मलिक ने कहा कि बसपा हमेशा से ही दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत रही है और इस मुद्दे पर भी पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से अपील किया कि वे एकजुट होकर इस मुद्दे पर आवाज उठाएं और सरकार को इस तरह के असंवैधानिक कदम उठाने से रोकें। आगे कहा कि उनका यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लेती। उन्होंने सभी प्रदर्शनकारियों को संयम और अनुशासन बनायें रखने की अपील की। सिद्धार्थनगर में इस प्रदर्शन का असर पूरे जिले में देखा गया, जिससे यह साबित होता है कि भारत बन्द के आह्वान ने लोगों के दिलों में गहरा प्रभाव डाला है।
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