पूरी दुनिया पर कोरोना का कहर है। ब्रिटेन व अरब जगत के राजाओं से लेकर रंक तक लोग प्रभावित हो रहे है। भारतीय चिंतन में आपद धर्म का उल्लेख है। इस समय मानवता को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। इसमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति के साथ चिकित्सक व सुरक्षा कर्मियों की विशेष भूमिका है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिग एकमात्र विकल्प है। इसमें व्यक्तिगत ही नहीं समाज की सुरक्षा भी निहित है। जो इसका पालन नहीं करता वह अपने साथ समाज का भी जोखिम बढ़ाता है। फिर भी कोई बीमार हो जाये तो चिकित्सक उसका उपकार करते है। उनका सहयोग करना भी सामाजिक दायित्व है। क्योकि इससे संक्रमित व्यक्ति अनगिनत लोगों को बीमार बना सकता है। ऐसे में कोई चिकित्सकों व सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके तो इसका क्या मतलब निकाला जाए। यह कृत्य अमानवीय और नफरत से प्रेरित है। इसी प्रकार की पत्थरबाजी जम्मू कश्मीर में सेना के जबानों पर होती थी। ये वही जबान थे जिन्होंने जम्मू कश्मीर में भीषण बाढ़ के समय अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचाई थी। उस समय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समूचा सरकारी तंत्र नदारत था। मतलब जिसने बाढ़ में जान बचाई उन्हीं पर पत्थर,यह अमानवीय आचरण था। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग लखनऊ के घण्टाघर में महिलाओं को सामने किया गया। सब जानते थे कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है। एक बार फिर मुरादाबाद में महिलाओं को आगे किया गया। फिर उन्हीं लोगों पर पत्थरबाजी की गई जो जान बचाने के लिए गए थे। चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना से बचाव, जांच व इलाज के लिए गए थे। फिर अमानवीय कृत्य। वस्तुतः शाहीनबाग और घण्टाघर में जो नेता इनका हौसला बढ़ाने जा रहे थे, वह भी जबाबदेह थे। उन्हें केवल अपने वोटबैंक सियासत की ही चिंता थी। नरेंद्र मोदी ने जिन मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक व हलाल की कुप्रथा से मुक्ति दिलाई, वही शाहीनबाग,घण्टाघर और मुरादाबाद में अराजकता का प्रदर्शन कर रही थी।आज भी दिल्ली,पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र, केरल आदि सरकारों ने ऐसे उत्पतियों पर वोटबैंक सियासत के कारण नकेल नहीं कसी। अन्यथा भारत कोरोना पर विजय की तरफ बढ़ रहा था। सबसे दयनीय व हास्यास्पद दशा तो उद्धव ठाकरे की रही। वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए वोटबैंक सियासत के सामने लाचार है।
इधर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अराजकता फैलाने वालों पर कठोरता दिखाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुरादाबाद में हुई घटना को गम्भीरता से लिया। कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टर्स व कर्मी सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं। पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है। योगी ने इस कृत्य को घोर निंदनीय बताया। कहा कि ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी। उनके द्वारा किए गए राजकीय सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई उनकी सम्पत्ति से की जाएगी। उन्होंने जिला पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया है कि ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करें और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करे। जाहिर है कि योगी के यह सन्देश पूरे प्रदेश में अपना प्रभाव दिखायेगा।
हिन्दी दैनिक उमेश वाणी समाचार पत्र(सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश)
Thursday, 16 April 2020
योगी के कठोर कदम
सिद्धार्थनगर की वत्सला ने गोरखपुर में किया जिले का नाम
सिद्धार्थनगर,बांसी। (उमेश वाणी)आईसीएसई बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में 96 फ़ीसदी अंक प्राप्त कर सिद्धार्थनगर की बेटी वत्सला ने गोरखपुर में अपने...

-
* कई स्थानों पर एसडीएम, सीडीओ व निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, उत्तर प्रदेश, लखनऊ रहें। सरताज आलम सिद्धार्थनगर। शासन द्वा...
-
सरताज आलम सिद्वार्थनगर। तीमारदार बनकर डीएम पहुंचे मेडिकल कालेज। जनपद सिद्वार्थनगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज में जिलाधिकारी ...
-
* जेई ने वीडियो बनाकर पीड़ित महिला को कर रहा था ब्लैकमेल। सरताज आलम बस्ती। एक कमरे में बिजली विभाग के जेई और पीड़ित महिला। बिजली विभाग के...
No comments:
Post a Comment