सरताज आलम
बांसी/सिद्धार्थनगर।
जिले के रतन सेन डिग्री काॅलेज बांसी में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा चलाये जा रहे दिनांक 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2024 तक "स्वच्छता ही सेवा-2024 पखवाड़ा" के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक/स्वयंसेविकाओं को सिंगल यूज प्लास्टिक के बारें में बताया गया। वहीं उमा दत्त ने बताया सिंगल यूज प्लास्टिक वह प्लास्टिक है, जो एक बार प्रयोग में आने के बाद खराब हो जाती है। सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। वहीं कार्यक्रम अधिकारी डाॅ0 सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि ‘‘प्लास्टिक न सड़ती है, न गलती है, सिर्फ पर्यावरण को प्रदूषित करती है’’ और कहा सिंगल यूज प्लास्टिक वह प्लास्टिक है, जिसे हमें एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। जैसे थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लस्टिक के झण्डे, मिठाई के बक्सों पर पर लपेटी जानी वाली फिल्म, चाकू, चम्मच, बोतल, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बने कोई भी प्लास्टिक की वस्तु जो कई सालों तक मिट्टी में पड़े रहने के बाद भी गलती नहीं है। लगभग 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक प्रत्येक वर्ष पैदा की जाती है और यही हमारी पवित्र नदियों, धरती मां को दूषित करती हैं। इससे त्वचा का कैंसर, जानवर भी खा लेते हैं, जो बीमार पड़ जाते हैं। इसका मुख्य कारण हम स्वयं है, अगर हम बाजार जाते हैं तो हमें कपड़े या जूट से बने बैग ले जाने चाहिए। लेकिन नहीं हम स्वयं जिस दुकानदार से सामान लेते हैं बोलते हैं कि सामान प्लास्टिक बैग में दे दीजिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सुरेश, हरप्रीत, ज्ञानमती, धनन्जय त्रिपाठी, सुजीत, स्वयंसेवक/स्वयंसेविकायें उपस्थित रहें।
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