Friday, 25 June 2021

खेतों मे उगे जांवड से हलकान हो रहे काश्तकार

 राकेश दूबे सहसम्पादक


सिद्धार्थनगर। समय से पहले हुई बारिश के कारण बडी संख्या मे काश्तकार अपने खेतों की जुताई नहीं कर सके हैं।नतीजतन खेंतो मे उगने वाला खर पतवार और जांवड से भूमि आच्छादित हो रहा है।कुछ लोग खरपतवार नाशक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ लोग उसी मे पलेवा करके धान को रोप दे रहे हैं।

अक्षय तृतीया से शुरु हुई बारिश से डीजल की मंहगाई से आजिज किसानों को थोडा छूट मिला।जिले के बडी संख्या मे किसानों को जुताई का मौका नहीं मिला।खेतों के जुताई का समय अक्षय तृतीया से शुरू होता है।लगभग डेढ महीने बीतने के बाद भी ज्यादातर खेत पानी के कारण जोतने लायक हुआ ही नहीं।बीच मे एक हफ्ते तक बारिश नहीं हुआ तो कुछ लोगों ने जुताई करा दिया था परन्तु उनके भी खेतों पर खर पतवारों ने कब्जा जमा लिया है।कुछ किसान इसके लिए आल क्लीयर नामक दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।इसका परिणाम हो रहा है कि लाभकारी केंचुआ करकच्ची,जैसे जीव भी मर जाते हैं।इसके साथ पृथ्वी मे ऊपरी हिस्से मे बनने वाले नमी भी उड जाती है जिसका असर भूमि के उर्वरा शक्ति के साथ उपज पर पडता है।इस बारे मे डुमरियागंज ब्लाक के ग्राम गौरी पाठक निवासी रविन्द्र नाथ पाठक ने कहा कि अन्य विकल्प ही नहीं है।जांवड इतने बडे हो गए हैं कि पलेवा से नहीं जाएंगे।इटवा तहसील के सिसवा शुक्ल निवासी राम कीरत ने कहा कि जो पैंसा जुताई मे बचा था वो अब दवाई डालने मे जाएगा।असमय बारिश से काफी लम्बे भू भाग पर धान की रोपाई करना संभव नहीं रहा।कुछ लोगों की माने तो जलनिकासी का मार्ग अवरूद्ध होने से ऐसी स्थिति बनी है।खरीफ फंसलो मे बोए जाने वाले अरहर पेटुआ मूंग जैसे नकदी फसलों से मुंह मोडे किसानों के सामने अब धान ही बचा है जिसको लेकर वो एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

No comments:

वन नेशन वन इलेक्शन से देश के विकास को मिलेगी गति - चेयरमैन सुनील अग्रहरि

* चेयरमैन सुनील अग्रहरि ने पीएम मोदी के वक्फ संसोधन कानून बिल लागू करने और जातीय जनगणना के फैसले की सराहना की। सरताज आलम  बढ़नी/सिद्धार्थनगर...